बातों - बातों में हुआ प्यार
पहली मुलाकात
* अगस्त २ का वह दिन था जब निशी और नूर की पहली मुलाकात हुई थी। चंडीगढ़ के एक प्रोग्राम में निशी को आमंत्रित किया हुआ था। वहां नूर भी आमंत्रित थे। वहां निशी सबसे आगे अपने भाई के साथ बैठी हुई थी, और नूर सबसे पीछे बैठा था। लंच टाइम में पहली बार नूर ने निशी को देखा। निशी अपने भाई के साथ व्यस्त थी उसने ध्यान नही दिया कि वह बिल्कुल नूर के साथ बैठ कर लंच कर रही थी। निशी को पता भी नहीं था कि चंडीगढ़ में नूर ने उसे दिल ही दिल पसंद कर लिया था।
* प्रोग्राम का दूसरा दिन:- अगले दिन निशी अकेली बैठी हुई थी तो वहां एक कार्यकर्ता ने उसकी जान पहचान नूूर से करवाई। पहली बार निशी ने नूर से बात की। निशी अंदर से बहुत ही चनचल सभाव की है। वह सब से घुलमिल कर रहती है। वहां इन दोनों ने काफी समय एक दूसरे से बात की। उसके बाद दोनों प्रोग्राम देखने लग गए। शाम के समय सब कार्यकर्ता खेल रहे, कुछ बातें कर रहे थे। निशी का चंचल मन भी खेलना चाह रहा था चाहे वह २५ की थी ,पर दिल उसका बचचे का था। तब नूर ने अपना पहला कदम बढ़ाया निशी के तरफ। वह बोला कि चलो हम साथ में चलते है खेलने। दोनों नें काफी मस्ती की साथ मेंं,उनका काफी मनोरंजन हुआ।
* दोनों ने काफी समय साथ में बिताया फिर नूर निशी को कमरे तक छोड़ने गया। रात को सोते सोते अचानक ना जाने निशी के दिल में क्या आया , उसने अपनी फेसबुक में नूर को ढूंढना शुरू कर दिया। और ढूंढ कर उसने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। ऐसा लग रहा था कि नूर जैसे इंतजार कर रहा था कि निशी उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजगी।जैसे ही नूर के फेसबुक पर रिक्वेस्ट आई नूर ने फटाफट उसे एक्सेप्ट किया और साथ ही साथ निशी को मैसेज कर दिया। दोनों ने देर रात तक ढेर सारी बातें की और एक दूसरे के नंबर भी ले लिए।
* यह आकर्षण था या ना जाने क्या था, जो निशी को बार-बार नूर की तरफ खींच रहा था। निशी ना चाहते हुए भी नूर को देख रही थी और उस से प्रभावित हो रही थी। चंडीगढ़ का प्रोग्राम का आज आखिरी दिन था और दोनों अपने अपने घर की ओर जाने की तयारी करने लगे। नूर की चाह थी कि आखरी बार वह निशी से जरूर मिले, पर निशी ने मिलने की जरूरत ना समझी और जाते-जाते नूर को व्हाट्सएप पर मैसेज किया की अलविदा मिलते हैं बहुत जल्द और नूर ने नाराजगी जताते हुए कहां की एक बार बता तो देते मैं आखरी बार मिल लेता आपसे। इस तरह चंडीगढ़ में उनकी पहली मुलाकात हुई।
* "चंडीगढ़ से वापस आते हुए निशी ने सोचा कि अब ना जाने कब नूर से मुलाकात होगी और वह सोचने लगी उसने एक सुंदर ख्वाब देखा और अब उसे भूल जाने में ही सबकी भलाई है।"
पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। निशी को प्यार में विश्वास नहीं था। उद्र नूर से रहा नहीं जा रहा निशी के बिना। वहीं निशी उसे इतना याद नहीं कर रही थी क्योंकि बह ज्यादा व्यस्त रहती थी काम में। फिर एक दिन नूर ने निशी को फोन किया दोनों ने रात के २ बजे तक बात की। रोज बातों का सिलसिला चलता रहा और दोनों तरफ से भावनाए बढ़ने लगी। दोनों में से किसी ने भी यह नहीं स्वीकारा की वह दोनों एक दूसरे से प्यार करने लग पड़े है।
दूसरी मुलाकात
* एक दिन नूर ने बताया कि मैं अपने दोस्तों के साथ तुम्हारे घर की तरफ घूमने आने वाला हूं मैं तुम्हें उस दिन मिलूंगा । पर कहते हैं ना जब मिलने की इच्छा तीव्र हो तो भगवान भी मिलाने के लिए बहुत ज्यादा इच्छुक हो जाते हैं । जब नूर निशी को मिलने आया तो इतनी भयानक वर्षा लगी हुई थी कि सारे के सारे रास्ते बंद हो गए पर नूर का निशी के लिए प्यार इतना गूढ़ था। कि वह उससे मिलने के लिए सारी रात पैदल चलकर उसके शहर पहुंचा जब उसने सुबह 7:00 बजे निशि को फोन किया कि उठो मैं तुम्हारे शहर में हूं तो निशी की खुशी की कोई सीमा ही नहीं थी।
* धीरे-२ दो दिल करीब आ रहे थे। बातें करते करते ना जाने उन्हें कब एक दूसरे से इतना ज्यादा प्यार हो चुका था । कि अब उनका एक दूसरे के बिना रहना मुश्किल हो गया था। वह दिन गिनते थे कि कब दोबारा मिलेंगे। उस दिन वह सिर्फ १ घंटे के लिए मिले । पर वह एक घंटा ना जाने कब बीत गया और उनके अलविदा कहने का समय आ गया।
जिंदगी का रुख मोड़ देने वाला हादसा
* मुलाकातों का सिलसिला अब शुरू हो चुका था,
पर किसे पता था। कि उनके इस प्यार की खबर किसी को लग चुकी है। निशी और नूर अपने प्यार में इतना खो चुके थे। कि निशी का ध्यान ही नहीं गया कि उसके भाई की नजर उस पर है। निशी जानती थी कि उसके परिवार वाले इस रिश्ते के लिए कभी नहीं मानेंगे फिर भी ना जाने उसके दिल में एक उम्मीद थी कि शायद उसका भाई उसका साथ दे पर उसकी सोच गलत निकली ।उसके भाई को इस बारे में पता चला तो उसके भाई का जो कहना था वह निशी की बर्दाश्त के बाहर था ।भाई ने उसके आगे सीधी एक शर्त रखी या तो वह अपने भाई से रिश्ता रख ले या वह नूर से रिश्ता रख ले।
निशी ने कभी यह सोचा भी न था कि उसे अपने प्यार और परिवार में से एक को चुनना पड़ेगा। उस पर उलझनों का मानो पहाड़ ही टूट पड़ा था।ऐसा लग रहा था कि एक हवा का झोंका आया और सब तहस नेहस कर चला गया।
"जानिए कैसे निशि और नूर की लव स्टोरी पूरी हुई। जल्द ही इसका अगला पाठ लेकर आऊंगी और पढ़ कर बताइए कैसा लगा ताकि अगली बार मैं और बढ़िया लिख सकूं।"
**** NRK****
A Real Love story Part -1
Reviewed by Neelam
on
June 17, 2020
Rating:

Very nice waiting for Part 2
ReplyDeleteHmmm
ReplyDeleteGreat love story am full excited to read next part
ReplyDeleteImpressive...keep writing 😀
ReplyDeleteSuperbbbb.....I m interesting in next part
ReplyDeletegreat post I like it. keep it up
ReplyDeleteTo real true story close my heart I'm waiting for your next story part thank you 👍👍👍✌️✌️✌️💑💑💑💐💐💐💐
ReplyDeleteNice story
ReplyDelete😍😍
ReplyDeleteBeautiful story. For beautiful Photographs click here
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया स्टोरी को अपने अपने शब्दों मे लिखा hai
ReplyDeleteInteresting
ReplyDeleteVery beautiful story 😍❤️♥️
ReplyDeleteI am waiting part 2
ReplyDeleteFirst love story... Good
ReplyDeleteWow
ReplyDeleteWht a cute love story
ReplyDeleteExhilarating love story! Eagerly waiting for next to read.
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ReplyDeletevery nice article....
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