निशी और नूर के प्यार की परीक्षा
दोस्तों यह निशी और नूर की प्रेम कहानी का भाग दूसरा है।पिछला भाग जानने के लिए सबसे आखिर में लिंक दिया गया है आप वहां से पढ़ सकते हैं।
जैसा का पिछले भाग में सब ने देखा कि, निशी पर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा था।एक तरफ किसी ने उसके लिए हजारों सपने सजा रखे थे तो दूसरी तरफ निशी अपने परिवार की ख्वाहिशों को पूरा करते खुद को धीरे -धीरे मार रही थी।
एक दिन निशी दिल से आवाज़ आई, कि वह नुर को नहीं छोड़ सकती,ना ही वह नूर के बिना रह सकती है। हर उस प्रेमिका की तरह निशी ने भी एक कदम उठाया घर से चोरी छुपे नुर से बात करने लगी।यह सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ता गया। निशी ने घर वालों से चोरी -छिपे नुर से बातें करनी शुरू कर दी।दिन बहुत अच्छे जा रहे थे नुर और निशी एक दूसरे के और करीब आ रहे थे, और अचानक एक दिन एक तूफान आया दोनों की जिंदगी में।
एक हादसा हुआ जिसमें निशी मरते-मरते बचे पर उसका निशान निशी पर छूट गया। निशी की एक टांग बहुत बुरी तरीके से टूट गई और उसे अपनी नौकरी छोड़ कर घर बैठना पड़ा। तब दोनों को पता चला कि वह एक दूसरे को कितना प्यार करते है। क्योंकि जब निशी नौकरी करती थी तो वह घर से दूर रहती थी।लेकिन अब उसे घर में रहना पड़ा। वह किसी के सामने बात नहीं कर सकती थी।
दिन बहुत मुश्किल से निकल रहे थे। निशी और नूर को ना के बराबर बात होती थी। वह दोनों बात करने के लिए तड़पते रहते थे। लेकिन घर वाले हर समय साथ में होते थे, तो बेचारी निशी को मौका ही नहीं मिलता था बात करने का। एक दिन निशी ऐसे ही बैठी हुई थी तो एक पड़ोस वाले भैया आए और कहने लगे कि निशी मैं तुम्हारे लिए बहुत बढ़िया रिश्ता लेकर आया हूं। निशी के मानो पांव के नीचे से जमीन ही निकल गई क्योंकि उन भैया की सारी बातें निशी की मां मानती थी।
निशी अपने भाई का जवाब सुन चुकी थी। वह थोड़ा समय चाहती थी कि घर वालो से वह नुर के बारे में बात कर सके पर उसकी मां शादी के लिए पीछे पड़ गई। आखिर में निशी ने फैसला किया कि आज नहीं तो कल घर में बताना तो है ही, तो आज ही बात कर ली जाए। निशी ने शुरुवात अपनी मां से बात करके करी। पर यहां भी निशी के हाथ निराशा ही लगी। नूर निशी से ५-६ साल बड़ा था उम्र में। निशी की मां ने उस वजह से मना से कर दिया।
निशी को मां ने कहां तेरी शादी हमारी मर्जी से होगी निशी ने फिर हिम्मत की और बोली कि नहीं मम्मी मैं नुर से प्यार करती हूं और मैं उसी के साथ रहना चाहती हूं। निशी की मां ने कुछ ऐसा बोला कि निशी वहां खड़ी की खड़ी ही रह गई। उसका दिल कर रहा था कि वह अपनी जान दे दे।
उसकी मां के शब्द थे।
कि"या तो तू मेरी बात मान ले या तो हमेशा के लिए भुल जा की तेरा कोई मायका भी है"
निशी दूसरी बार टूटी।
वह घर के 2 महीने निशी ही जानती है कि उसने नूर के बिना कैसे निकाले और उधर नूर की तो माने मनु जान ही निकल रही थी क्योंकि वह चाहते हुए भी निशी को फोन नहीं कर सकता था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसकी वजह से किसी को कोई भी परेशानी झेलनी पड़े।
बरसो के बाद मुलाकात
फिर मौका आया निशी के परीक्षा का। निशा का ध्यान परीक्षा पर कम था और नुर से मिलने पर ज्यादा था। और फिर दिन आया निशी की आखिरी परीक्षा का। जैसे ही वह परीक्षा देकर बाहर निकली तो सामने नूर उसका इंतजार कर रहा था। निशी तो मानो अंदर से रोह ही पड़ी थी। क्योंकि उसे नूर को देखे हुए पूरे 3 महीने हो चुके थे,और यह उसका भगवान ही जानता था का उसने यह समय कैसे निकाला था। उसका दिल कर रहा था, कि वह नुर को जोर से गले लगा ले, लगाए रखें,उसे चुमें और देखती रहे तब तक जब तक उसका दिल ना भर जाए।
पिछला भाग का लिंक:-
निशी और नूर की मोहब्बत का आखिरी पड़ाव जाने के लिए मिलते हैं अगले पाठ में तब तक ढेर सारा प्यार दीजिए निशी और नूर को और कमेंट में बताइए कि आपको कैसी लगी निशी और नुर की प्रेम कहानी।
A Real love Story Part 2
Reviewed by Neelam
on
June 24, 2020
Rating:

Good story
ReplyDeleteAmazing love story
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteaaj kal pyaar rooha wala kahan ha yar admin jisma tak sihmit ha
ReplyDeleteJahan pyar dilon Ka Mel hota hai hi vahan jismani pyar Kisi kam ka Nahin ♥️♥️💑
ReplyDeleteGreat story
ReplyDeleteGreat
ReplyDeleteImpresive
ReplyDeleteFirst Technology relatade Approved by google
ReplyDeleteVery good imagination !
ReplyDeleteExcellent.. Keep it up
ReplyDeleteGreat story write up! Keep sharing.
ReplyDeleteBohot acchi kahani h
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